सेबी के अध्ययन ने भारतीय इक्विटी कैश सेगमेंट में व्यक्तिगत इंट्राडे ट्रेडर्स के व्यवहार और परिणामों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। इस अध्ययन के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
लागत और लाभ: अध्ययन के अनुसार, 10 में से 7 व्यक्तिगत इंट्राडे ट्रेडर्स को इक्विटी कैश सेगमेंट में घाटा हुआ है। इसका मतलब है कि 70% से अधिक व्यक्तिगत ट्रेडर्स लाभ नहीं कमा पा रहे हैं और उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ट्रेडिंग की संख्या में वृद्धि: वित्त वर्ष 2022-23 में इंट्राडे ट्रेडिंग की संख्या में 300% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में काफी अधिक है। इसका मतलब है कि अधिक लोग इंट्राडे ट्रेडिंग में शामिल हो रहे हैं।
संख्या का विश्लेषण: अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया है कि व्यक्तिगत ग्राहकों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 86% बढ़ गई है, जो कि वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है।
विश्लेषण की अवधि: अध्ययन में वित्त वर्ष 2018-19, वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 की अवधि को शामिल किया गया है, ताकि महामारी से पहले और बाद के रुझानों का तुलनात्मक विश्लेषण किया जा सके।
कार्य समूह का योगदान: इस अध्ययन को सहकर्मी समीक्षा और विभिन्न विशेषज्ञों के एक कार्य समूह द्वारा संचालित किया गया है, जिसमें शिक्षाविद, दलाल और बाजार विशेषज्ञ शामिल हैं।
इन निष्कर्षों से यह स्पष्ट है कि व्यक्तिगत इंट्राडे ट्रेडिंग में वृद्धि हो रही है, लेकिन इसके साथ ही लाभ की संभावना भी कम हो रही है। इस अध्ययन का उद्देश्य संभावित जोखिमों को समझना और ट्रेडिंग के तरीकों को सुधारने के लिए सुझाव प्रदान करना हो सकता है।
सेबी के अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
व्यापार की प्रवृत्ति: लगभग 3 में से 1 व्यक्ति जो इक्विटी कैश सेगमेंट में व्यापार करते हैं, इंट्राडे ट्रेडिंग में शामिल हैं।
ट्रेडिंग की वृद्धि:
वित्त वर्ष 2022-23 में इंट्राडे ट्रेडिंग की संख्या में वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में 300% से अधिक
की वृद्धि हुई है।
युवा ट्रेडर्स की वृद्धि:
30 वर्ष से कम आयु के युवा इंट्राडे ट्रेडर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 48% हो गई है, जो कि वित्त वर्ष
2018-19 में 18% थी।
लागत और घाटा:
वित्त वर्ष 2022-23 में इक्विटी कैश सेगमेंट में 10 में से 7 व्यक्तिगत इंट्राडे ट्रेडर्स (71%) को शुद्ध घाटा
हुआ। अत्यधिक ट्रेडिंग (500 से अधिक ट्रेड प्रति दिन) करने वाले व्यापारियों के लिए घाटा 80%
तक बढ़ गया।
युवा व्यापारियों में घाटा:
युवा व्यापारियों (30 वर्ष से कम आयु) के बीच हानि का प्रतिशत वित्त वर्ष 2022-23 में 76% था, जो
अन्य आयु समूहों की तुलना में अधिक है।
लागत बनाम लाभ:
घाटा उठाने वालों ने अपने व्यापार घाटे का 57% व्यापार लागत के रूप में खर्च किया, जबकि लाभ
निर्माताओं ने अपने व्यापार लाभ का 19% व्यापार लागत के रूप में खर्च किया।
जागरूकता और अध्ययन का संदर्भ:
यह अध्ययन व्यक्तिगत व्यापारियों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद करता है।
यह अध्ययन सेबी द्वारा 25 जनवरी, 2023 को एफएंडओ ट्रेडिंग पर आयोजित रिपोर्ट से अलग है और इसकी जानकारी सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इन निष्कर्षों से स्पष्ट है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में युवा व्यापारियों की भागीदारी बढ़ रही है, लेकिन इस प्रकार की ट्रेडिंग में जोखिम भी अधिक है, जिससे व्यक्तिगत ट्रेडर्स को घाटा उठाना पड़ रहा है। अध्ययन से जुड़े ये निष्कर्ष ट्रेडर्स को सतर्क रहने और अपने ट्रेडिंग रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं
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