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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है..


सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। सरकार का दृष्टिकोण आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना है। जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए अपनाई गई रणनीतियों और की गई कार्रवाइयों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. आतंकवादियों और उनके सहायक ढांचों के खिलाफ प्रभावी, निरंतर और सतत कार्रवाई।

  2. सरकार द्वारा अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करके आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना।

  3. आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को कानून की संबंधित धाराओं के तहत जब्त/कुर्क करने जैसे आतंकी वित्त पर कार्रवाई तथा राष्ट्र विरोधी संगठनों पर प्रतिबंध लगाना।

  4. रोकथाम के अभियानों में आतंकवाद के रणनीतिक समर्थकों की पहचान करना और आतंकवाद को सहायता व बढ़ावा देने के उनके तंत्र को उजागर करने के लिए जांच शुरू करना।

  5. घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी रणनीति।

  6. आतंकवाद विरोधी ग्रिड को मजबूत करना।

  7. सुरक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण और मजबूती पर विशेष ध्यान।

  8. रणनीतिक बिंदुओं पर चौबीसों घंटे की नाकाबंदी।

  9. आतंकवादी संगठनों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गहन घेराबंदी और तलाशी अभियान।

  10. जम्मू और कश्मीर में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय के आधार पर खुफिया जानकारी साझा करना।

  11. दिन और रात में पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण।

उपरोक्त रणनीतियों और कार्रवाइयों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या में कमी आई है। विवरण इस प्रकार हैं:

विवरण

2018

2023

2024 (21 जुलाई, 2024 तक)

संगठित पत्थरबाजी

1328

00

00

संगठित हड़ताल

52

00

00

आतंकवादियों द्वारा शुरू की गई घटनाएं

228

46

11

मुठभेड़/सीटी ऑपरेशन

189

48

24

शहीद सुरक्षा बल

91

30

14

मारे गए नागरिक

55

14

14

(स्रोत: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर)

गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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