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केंद्रीय कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया, इससे उसे कुछ अक्ल आई है, अब वो जल्द ही अग्निवीर भी वापस लेगी- सौरभ भारद्वाज .


25 Aug : आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाई गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को देश के कर्मचारियों के साथ धोखा बताया है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यूपीएस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने यह स्कीम लाकर लाखों कर्मचारियों के साथ धोखा किया। 25 साल की नौकरी होने पर ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा। ऐसे में 20 साल की नौकरी करने वाले अर्ध सैनिक बलों के लाखों कर्मचारी इसका लाभ नहीं ले पाएंगे। दूसरी तरफ, केंद्र सरकार जब तक कर्मचारी की नौकरी करेगा, तब तक 10 फीसद राशि यूपीएस के तहत काटती रहेगी और नौकरी के अंतिम 12 महीने का औसत निकाल कर छह महीने की सैलरी उसे कैश में दे देगी। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को वापस लागू करे। ओल्ड पेंशन स्कीम में नौकरी की अवधि 20 साल थी और इसका लाभ अर्ध सैनिक बलों को भी मिल रहा था। जबकि यूनिफाइड पेंशन स्कीम न्यू पेंशन स्कीम से भी खराब है।

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा घोषित यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी कबे वरिष्ठ नेता एवं सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ नई पेंशन योजना से भी ज्यादा बदतर और बेकार है और यह देश के कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। इस यूनिफाइड पेंशन स्कीम से केंद्र सरकार ने देश क अर्ध सैनिक बलों को निकाल कर बाहर कर दिया है। अर्थ सैनिक बल इस स्कीम के दायरे में नहीं आएंगे। देश की पैरा मिलिट्री फोर्स इस स्कीम के दायरे में नहीं आएगी। क्योंकि उनकी 25 साल की सर्विस नहीं होती है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ पाने के लिए 25 साल की सर्विस होनी अनिवार्य है, तभी उनको पेंशन का लाभ मिलेगा। वरना उनको 10 हजार रुपए की पेंशन मिलेगी।

संजय सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी कर्मचारी ने 40 साल नौकरी की, तो उसका हर महीने उसकी सैलरी से 10 फीसद राशि पेंशन के लिए काटी जाएगी और यह पूरा पैसा सरकार अपने पास रख लेगी। अगर किसी की सैलरी एक लाख रुपए है और उसने 40 साल तक नौकरी की तो उसकी सैलरी का 10 फीसद हिस्सा पेंशन में चली जाएगी। इसके बाद अंतिम के 12 महीनों का औसत निकाल कर केंद्र सरकार उस कर्मचारी को छह महीने की तनख्वाह कैश में दे देगी। नई पेंशन स्कीम में सरकार यह भी कह रही है कि औसत सैलरी निकाल कर उस कर्मचारी को आधा पेंशन देंगे। पहले तो सरकार ने कर्मचारियों की एक बहुत बड़ी रकम ले लिया, जो पूरी नौकरी के दौरान सैलरी का 10 फीसद देते आए हैं। दूसरी बात, इस स्कीम से अर्ध सैनिक बलों को बाहर कर दिया है। सरकार ने कहा कि इस पेंशन स्कीम का लाभ लेने के लिए कम से कम 25 वर्ष की नौकरी होनी चाहिए, तभी इस स्कीम के दायरे में आएंगे।

संजय सिंह ने कहा कि एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) से भी ज्यादा बदतर यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) आया है। मोदी सरकार ने देश के कर्मचारियों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है। इस बात को देश के कर्मचारी समझ रहे हैं और इसका जवाब भी देंगे। हमारी आज भी मांग है कि ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल की जाए। आखिर केंद्र सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करनें में क्या समस्या है? सरकार को ओपीएस बहाल करनी चाहिए। ओपीएस में सर्विस की अवधि 20 साल रखी गई है। लेकिन यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सर्विस की अवधि बढ़ाकर 25 वर्ष कर दी गई है। इसके चलते पैरा मिलिट्री फोेर्से स्कीम से बाहर हो जाएंगी।

केंद्र की भाजपा सरकार ख़ुद अपने कर्मचारियों का दमन कर रही थी- सौरभ भारद्वाज

वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज देश के विपक्ष की यह बात साबित हो गई कि विपक्षी दल जनता की आवाज बुलंद कर रहा था। केंद्र सरकार ख़ुद अपने कर्मचारियों का दमन कर रही थी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया, उससे भाजपा को थोड़ी अक्ल आ गई है। वो जल्द ही अग्निवीर स्कीम का फ़ैसला भी वापस ले लेगी। अग्नीवीर जैसी स्कीम ने लाखों युवाओं के फौज में जाने का सपना तोड़ा है।

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